Tuesday, January 13, 2009

विरह का जलजात जीवन!

विरह का जलजात जीवन, विरह का जलजात!

वेदना में जन्म करुणा में मिला आवास
अश्रु चुनता दिवस इसका; अश्रु गिनती रात
जीवन विरह का जलजात!

आँसुओं का कोष उर, दृग अश्रु की टकसाल,
तरल जल-कण से बने घन-सा क्षणिक मृदुगात
जीवन विरह का जलजात!

अश्रु से मधुकण लुटाता आ यहाँ मधुमास,
अश्रु ही की हाट बन आती करुण बरसात
जीवन विरह का जलजात!

काल इसको दे गया पल-आँसुओं का हार
पूछता इसकी कथा निश्वास ही में वात
जीवन विरह का जलजात!

जो तुम्हारा हो सके लीला-कमल यह आज,
खिल उठे निरुपम तुम्हारी देख स्मित का प्रात
जीवन विरह का जलजात!

-- महादेवी वर्मा

-----------------------------------------

Mahadevi KIND of poem ;) .. Not without any reason people compare her with Mirabai!!

1 comment:

  1. hello^^
    mmm.. excuse me..
    but would you mind translating this poetry into English?
    I need that.
    I'm Korean. and I'm studying about Hindi poetry.
    If you help me, I'll veryvery thanks to you.
    please e-mail me at seungmin813@nate.com
    or write it here. thank you.

    ReplyDelete